इस लेख में Local Update ने पूरा भारत का इतिहास में मुग़ल से लेकर अंग्रेजो और फिर अब तक का शासन काल में जो भारत में शासन किये है उन सभी का इतिहास बताया है |कैसे मुग़ल भारत में आये और क्यों आये और फिर कैसे अंग्रेजो ने उन्हें खत्म कर फिर भारत पर शासन किया | फिर कैसे भारत के नेता ने उन अंग्रेजो को भगाया |इन सभी का उल्लेख इस आर्टिकल में हमने लिखा है | इस लेख को पढने के बाद आप अच्छी तरह से पूरा इतिहास को कनेक्ट कर पाएंगे |
भारत में मुग़ल साम्राज्य का इतिहास
भारत का इतिहास में मुग़ल साम्राज्य ने भारत में 1526 से 1857 तक शासन किया। इस दौरान कई महत्वपूर्ण सम्राटों ने शासन किया, जिन्होंने भारतीय संस्कृति, कला और प्रशासन पर गहरा प्रभाव डाला। नीचे एक सारणी प्रस्तुत की गई है, जिसमें मुग़ल सम्राटों के नाम, उनके शासन काल और उनके योगदान का उल्लेख है।
वर्ष | सम्राट | शासन काल | महत्वपूर्ण योगदान |
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1526-1530 | बाबर (Babur) | 20 अप्रैल 1526 – 26 दिसंबर 1530 | दिल्ली के सुलतान इब्राहीम लोदी को हराकर साम्राज्य की नींव रखी। |
1530-1540 | हुमायूँ (Humayun) | 26 दिसंबर 1530 – 17 मई 1540 | शेर शाह सूरी द्वारा पराजित, बाद में पुनः साम्राज्य स्थापित किया। |
1555-1556 | हुमायूँ (Humayun) | 22 फरवरी 1555 – 27 जनवरी 1556 | अपने बेटे अकबर के लिए एक एकीकृत साम्राज्य छोड़ा। |
1556-1605 | अकबर (Akbar) | 11 फरवरी 1556 – 27 अक्टूबर 1605 | साम्राज्य का विस्तार किया, धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा दिया। |
1605-1627 | जहाँगीर (Jahangir) | 3 नवंबर 1605 – 28 अक्टूबर 1627 | ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ व्यापारिक संबंध स्थापित किए। |
1628-1658 | शाहजहाँ (Shah Jahan) | 19 जनवरी 1628 – 31 जुलाई 1658 | ताज महल का निर्माण, वास्तुकला में महत्वपूर्ण योगदान। |
1658-1707 | औरंगज़ेब (Aurangzeb) | 31 जुलाई 1658 – 3 मार्च 1707 | साम्राज्य का सबसे बड़ा विस्तार, धार्मिक नीतियाँ सख्त कीं। |
1707-1712 | आज़म शाह (Azam Shah) | 14 मार्च 1707 – 20 जून 1707 | शासन काल बहुत छोटा था, कोई विशेष उपलब्धि नहीं। |
1707-1712 | बहादुर शाह I (Bahadur Shah I) | 19 जून 1707 – 27 फरवरी 1712 | साम्राज्य में सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा दिया। |
1712-1713 | जहानदार शाह (Jahandar Shah) | 27 फरवरी 1712 – 11 फरवरी 1713 | केवल एक कठपुतली सम्राट के रूप में शासन किया। |
भारत का इतिहास में मुग़ल साम्राज्य की विशेषताएँ
सांस्कृतिक योगदान:
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मुग़ल साम्राज्य ने भारतीय कला और वास्तुकला में अद्वितीय योगदान दिया। ताज महल, लाल किला और फतेहपुर सीकरी जैसे स्मारक इसकी पहचान हैं।
प्रशासनिक सुधार:
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अकबर ने भूमि राजस्व प्रणाली और मंसबदारी प्रणाली की स्थापना की, जिसने प्रशासन को मजबूत किया।
धार्मिक सहिष्णुता:
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अकबर ने विभिन्न धर्मों के बीच संवाद को बढ़ावा दिया और एकीकृत भारतीय राज्य की कल्पना की।
मुग़ल साम्राज्य का इतिहास न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसने सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा दिया।
मुग़ल साम्राज्य का इतिहास और ब्रिटिश राज का उदय
मुग़ल साम्राज्य की स्थापना
मुग़ल साम्राज्य की स्थापना 1526 में बाबर द्वारा की गई थी, जिसने दिल्ली के सुलतान इब्राहीम लोदी को हराकर भारत में अपने साम्राज्य की नींव रखी। बाबर, जो तैमूर के वंशज थे, ने भारत में आने का निर्णय लिया क्योंकि वह अपने खोए हुए क्षेत्रों को पुनः प्राप्त करने की कोशिश कर रहे थे।
मुग़ल आने के कारण:
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धन और संसाधनों की खोज: बाबर ने भारत को एक समृद्ध भूमि माना, जहाँ अनंत धन और संसाधन थे। यह उसकी लूट और सत्ता प्राप्ति की इच्छा का एक प्रमुख कारण था|
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राजनीतिक अस्थिरता: उस समय भारत में कई छोटे-छोटे राज्य और सुलतानतें थीं, जो आपस में लड़ रही थीं। बाबर ने इस अस्थिरता का लाभ उठाकर अपने साम्राज्य का विस्तार किया|
मुग़ल साम्राज्य का विस्तार और शासन
बाबर के बाद, उसके बेटे हुमायूँ और फिर उसके पोते अकबर ने साम्राज्य का विस्तार किया। अकबर ने प्रशासनिक सुधार किए और धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा दिया, जिससे विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच एकता बनी रही।
मुख्य विशेषताएँ:
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केंद्रित प्रशासन: मुग़ल साम्राज्य ने एक मजबूत प्रशासनिक ढांचा विकसित किया, जिसने विभिन्न क्षेत्रों को एकीकृत किया।
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सांस्कृतिक समृद्धि: मुग़लों ने कला, वास्तुकला और साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया। ताज महल जैसे स्मारक इस युग की पहचान हैं।
भारत का इतिहास में मुग़ल साम्राज्य का पतन
18वीं सदी के मध्य से मुग़ल साम्राज्य धीरे-धीरे कमजोर होने लगा। इसके कई कारण थे:
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आंतरिक संघर्ष: विभिन्न प्रांतों में स्थानीय राजाओं और जाटों, सिखों और मराठों के बीच संघर्ष ने साम्राज्य को कमजोर किया|
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ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का उदय: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने स्थानीय राजाओं के बीच मतभेदों का लाभ उठाया और धीरे-धीरे भारत में अपनी पकड़ मजबूत की|
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1857 का विद्रोह: भारतीय सैनिकों और नागरिकों द्वारा ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह ने मुग़ल साम्राज्य के अंत को तेज किया। बहादुर शाह II (बहादुर शाह जफर) को विद्रोह का नेता घोषित किया गया, लेकिन विद्रोह को क्रूरता से दबा दिया गया|
भारत का इतिहास में ब्रिटिश राज का आरंभ
1858 में, ब्रिटिश सरकार ने भारत पर अपना सीधा नियंत्रण स्थापित किया। बहादुर शाह II को रंगून (अब म्यांमार) भेज दिया गया, जहाँ उनकी मृत्यु हुई। इस प्रकार, मुग़ल साम्राज्य का अंत हुआ और भारत ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा बन गया|
ब्रिटिश राज का इतिहास और भारत से निकासी
ब्रिटिश राज की स्थापना
1858 में, भारतीय विद्रोह के बाद, ब्रिटिश सरकार ने भारत में अपने शासन को सीधे स्थापित किया, जिसे “ब्रिटिश राज” कहा गया। यह पूर्वी भारत कंपनी के शासन का अंत था और रानी विक्टोरिया के अधीन भारत का सीधा शासन शुरू हुआ। इस काल में, ब्रिटिश सरकार ने भारतीय उपमहाद्वीप पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए कई नीतियाँ और प्रशासनिक ढांचे लागू किए।
मुख्य विशेषताएँ:
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राजनीतिक नियंत्रण: ब्रिटिश राज ने भारतीय राज्यों को सीधे नियंत्रित किया और कई स्थानीय शासकों को अपने अधीन रखा।
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आर्थिक शोषण: ब्रिटिशों ने भारत के संसाधनों का शोषण किया, जिसमें कच्चे माल और कृषि उत्पाद शामिल थे।
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विकास की अनदेखी: ब्रिटिश शासन ने भारतीय उद्योगों को कमजोर किया और कृषि पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
भारत का इतिहास में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम
20वीं सदी की शुरुआत में, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम ने जोर पकड़ा। कई प्रमुख नेता इस आंदोलन में शामिल हुए:
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महात्मा गांधी: उन्होंने अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों का पालन करते हुए स्वतंत्रता की मांग की।
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जवाहरलाल नेहरू: उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के माध्यम से स्वतंत्रता की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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सुभाष चंद्र बोस: उन्होंने सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
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सरदार वल्लभभाई पटेल: उन्होंने एकीकृत भारत की कल्पना की और विभाजन के समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारत का इतिहास में ब्रिटिशों का भारत से जाना
द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) के बाद, ब्रिटिश साम्राज्य कमजोर हो गया। 1942 में “भारत छोड़ो आंदोलन” ने स्वतंत्रता की मांग को तेज कर दिया। अंततः, 15 अगस्त 1947 को भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की।
मुख्य घटनाएँ:
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विभाजन: स्वतंत्रता के समय भारत को दो भागों में विभाजित किया गया – भारत और पाकिस्तान।
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संविधान निर्माण: 26 जनवरी 1950 को भारत ने अपना संविधान अपनाया और एक गणतंत्र बना।
ब्रिटिशों द्वारा भारत से लिए गए संसाधन
भारत के इतिहास में ब्रिटिश राज के दौरान, कई महत्वपूर्ण संसाधनों और वस्तुओं को भारत से निकाला गया:
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कच्चा माल: कपास, चाय, जूट, और अन्य कृषि उत्पादों का बड़े पैमाने पर निर्यात किया गया।
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धातु और खनिज: सोना, चांदी, हीरे, और अन्य खनिजों का शोषण किया गया।
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संस्कृति और ज्ञान: भारतीय संस्कृति, कला, और विज्ञान को भी प्रभावित किया गया, लेकिन इसके साथ-साथ कई भारतीय ज्ञान प्रणाली भी पश्चिमी विचारधारा में समाहित हो गईं।
वर्ष | प्रधानमंत्री | पार्टी |
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1947-1964 | पंडित जवाहरलाल नेहरू | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1964 | गुलज़ारीलाल नंदा (अंतरिम) | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1964-1966 | लाल बहादुर शास्त्री | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1966 | गुलज़ारीलाल नंदा (अंतरिम) | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1966-1977 | इंदिरा गांधी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1977-1979 | मोरारजी देसाई | जनता पार्टी |
1979-1980 | चरण सिंह | जनता पार्टी |
1980-1984 | इंदिरा गांधी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1984-1989 | राजीव गांधी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1989-1990 | विश्व प्रताप सिंह | जनता दल |
1990-1991 | चंद्र शेखर | जनता दल |
1991-1996 | पी.वी. नरसिम्हा राव | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1996 | अटल बिहारी वाजपेयी (1st term) | भारतीय जनता पार्टी |
1996-1997 | एच.डी. देवगौड़ा | जनता दल |
1997-1998 | इंदर कुमार गुजराल | जनता दल |
1998-2004 | अटल बिहारी वाजपेयी (2nd term) | भारतीय जनता पार्टी |
2004-2014 | डॉ. मनमोहन सिंह | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
2014- वर्तमान | नरेंद्र मोदी | भारतीय जनता पार्टी |
निष्कर्ष
इस लेख में Local Update ने पूरा भारत का इतिहास में मुग़ल से लेकर अंग्रेजो और फिर अब तक का शासन काल में जो भारत में शासन किये है उन सभी का इतिहास बताया है |कैसे मुग़ल भारत में आये और क्यों आये और फिर कैसे अंग्रेजो ने उन्हें खत्म कर फिर भारत पर शासन किया | फिर कैसे भारत के नेता ने उन अंग्रेजो को भगाया |इन सभी का उल्लेख इस आर्टिकल में हमने लिखा है | इस लेख को पढने के बाद आप अच्छी तरह से पूरा इतिहास को कनेक्ट कर पाएंगे |
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