बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने वादा किया है कि यदि उनकी सरकार बनती है, तो सरकारी नौकरी के आवेदन फॉर्म निशुल्क होंगे और परीक्षा केंद्र तक आने-जाने के लिए उम्मीदवारों को किराया भी दिया जाएगा। इस घोषणा के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।
तेजस्वी यादव का बेरोजगारों को लेकर बड़ा ऐलान
नौकरी के लिए आवेदन शुल्क माफ
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने घोषणा की है कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो बिहार में सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन शुल्क पूरी तरह माफ कर दिया जाएगा। इससे राज्य के लाखों बेरोजगार युवाओं को राहत मिलेगी, जो महंगे आवेदन शुल्क के कारण कई बार नौकरियों के लिए फॉर्म भरने में असमर्थ रहते हैं।
परीक्षा केंद्र तक आने-जाने का किराया भी मिलेगा
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि सरकार बेरोजगार उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्र तक आने-जाने का किराया भी देगी। यह सुविधा बस और ट्रेन यात्रा के लिए लागू होगी, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों को राहत मिलेगी।
तेजस्वी यादव ने सरकार पर साधा निशाना
बेरोजगारी को लेकर नीतीश सरकार पर हमला
तेजस्वी यादव ने मौजूदा नीतीश सरकार पर बेरोजगारी को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार में बेरोजगारी दर लगातार बढ़ रही है, लेकिन सरकार इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।
10 लाख नौकरी का वादा फिर दोहराया
तेजस्वी यादव ने अपने पुराने वादे को दोहराते हुए कहा कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो वे 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देंगे। उन्होंने कहा कि बिहार के संसाधनों का सही इस्तेमाल किया जाए, तो बेरोजगारी खत्म की जा सकती है।
बेरोजगार युवाओं की प्रतिक्रिया
तेजस्वी यादव की इस घोषणा के बाद बिहार के युवाओं में उत्साह देखा जा रहा है। कई युवाओं का कहना है कि अगर यह वादा पूरा होता है, तो गरीब परिवारों के छात्र भी सरकारी नौकरी की परीक्षा में भाग ले सकेंगे।
राजनीतिक विश्लेषण: चुनाव से पहले बड़ा दांव?
विशेषज्ञों का मानना है कि तेजस्वी यादव का यह ऐलान बिहार के युवाओं को लुभाने के लिए एक बड़ा दांव हो सकता है। बिहार में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है, और चुनाव के समय इस तरह की घोषणाएं मतदाताओं को प्रभावित कर सकती हैं।
निष्कर्ष
तेजस्वी यादव का यह ऐलान बिहार के बेरोजगार युवाओं के लिए राहत की खबर हो सकता है। अगर यह वादा पूरा होता है, तो यह आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए एक बड़ी मदद होगी। अब देखने वाली बात यह होगी कि आगामी चुनावों में जनता इस वादे को कितना गंभीरता से लेती है और तेजस्वी यादव को इसका कितना राजनीतिक फायदा मिलता है।
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