पटना मेट्रो एवं अन्य शहरों की मेट्रो परियोजनाएँ: वर्तमान स्थिति, व्यय और प्रारंभ की समयसीमा

पटना मेट्रो रेल परियोजना बिहार की राजधानी पटना में शहरी परिवहन को सुदृढ़ करने की एक महत्वपूर्ण पहल है। इस लेख में हम परियोजना पर अब तक हुए व्यय, वर्तमान प्रगति और मेट्रो सेवा के प्रारंभ की संभावित समयसीमा पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

परियोजना पर अब तक का व्यय

आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर के अनुसार, फरवरी 2022 तक पटना मेट्रो परियोजना पर कुल 615.72 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके थे।

परियोजना व्यय सारांश:

विवरण आंकड़े
       कुल परियोजना लागत ₹13,365.77 करोड़
       फरवरी 2022 तक व्यय ₹615.72 करोड़
       वित्तीय प्रगति 2.79%

वर्तमान प्रगति

पटना मेट्रो परियोजना के दोनों कॉरिडोर पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। विशेष रूप से, मलाही पकड़ी से न्यू आईएसबीटी तक 6.63 किलोमीटर लंबे खंड में पांच एलिवेटेड स्टेशनों का निर्माण हो रहा है:

  • पाटलिपुत्र बस टर्मिनल
  • जीरो माइल
  • भूतनाथ
  • खेमनीचक
  • मलाही पकड़ी

इस खंड का 75% से अधिक सिविल कार्य पूर्ण हो चुका है, और शीघ्र ही पटरी बिछाने का कार्य प्रारंभ होगा।

मेट्रो सेवा प्रारंभ की समयसीमा

उपलब्ध सूचनाओं के अनुसार, पटना मेट्रो की सेवा जुलाई 2025 तक प्रारंभ होने की संभावना है। प्राथमिकता कॉरिडोर में मलाही पकड़ी से न्यू आईएसबीटी तक मेट्रो सेवा शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

प्रमुख तिथियाँ:

विवरण तिथि
                                                                       प्राथमिकता कॉरिडोर पर मेट्रो सेवा प्रारंभ  15 अगस्त 2025

अन्य शहरों की मेट्रो परियोजनाएँ

बिहार सरकार ने मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर और दरभंगा में भी मेट्रो रेल परियोजनाएँ प्रस्तावित की हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में यातायात की भीड़ को कम करना और आधुनिक परिवहन सुविधाएँ प्रदान करना है।

परियोजना का विवरण

शहर परियोजना का विवरण
मुजफ्फरपुर रामदयालु नगर से मुशहरी तक, मेडिकल फोर-लेन, सदातपुर, कांटी, माड़वान के माध्यम से। ग्रेटर मुजफ्फरपुर क्षेत्र के लिए विभिन्न पंचायतों और ब्लॉकों को शामिल करते हुए प्रस्तावित।
गया उत्तर-दक्षिण गलियारा: 22.60 किमी लंबा, हवाई अड्डा, बोधगया और रेलवे स्टेशन को जोड़ता है।
पूर्व-पश्चिम गलियारा: 13.48 किमी लंबा, बिपार्ड, विष्णुपद मंदिर और मानपुर बस स्टैंड को जोड़ता है।
भागलपुर नाथनगर से सबौर कृषि महाविद्यालय तक, अलीगंज से होते हुए दक्षिण की ओर विस्तार। स्मार्ट सिटी पहल के तहत यातायात भीड़भाड़ को कम करने के उद्देश्य से।
दरभंगा लहेरियासराय से बेंता में वीआईपी रोड होते हुए दरभंगा हवाई अड्डे तक। चार कॉरिडोर पैकेज में विभाजित, जिनमें से दो के लिए सर्वेक्षण पूरा हो चुका है।

निष्कर्ष

पटना मेट्रो परियोजना पर अब तक 615.72 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, जो कुल परियोजना लागत का 2.79% है। निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है, और जुलाई 2025 तक मेट्रो सेवा प्रारंभ होने की संभावना है। यह परियोजना पटना के शहरी परिवहन में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाएगी, जिससे नागरिकों को आधुनिक और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा।


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