बिहार कैबिनेट विस्तार: नए मंत्री आज लेंगे शपथ

चुनाव से पहले नीतीश कुमार का कैबिनेट पुनर्गठन

परिचय

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज अपने कैबिनेट का विस्तार करने जा रहे हैं, जो आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। राज भवन, पटना में शाम 4 बजे नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। इस विस्तार से बिहार सरकार में नए चेहरे शामिल होंगे और सत्तारूढ़ गठबंधन को मजबूती मिलेगी।

बिहार कैबिनेट विस्तार के मुख्य बिंदु

  • घटना: बिहार कैबिनेट विस्तार 2025
  • तारीख और समय: 26 फरवरी 2025, शाम 4 बजे
  • स्थान: राज भवन, पटना
  • नए मंत्री: 6 नए नाम संभावित

बिहार कैबिनेट का विस्तार क्यों किया जा रहा है?

इस विस्तार का उद्देश्य शासन को बेहतर बनाना, जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखना और बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी करना है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) और जदयू (जनता दल-यूनाइटेड) के बीच गठबंधन को मजबूत करने में मदद करेगा।

नीतीश कुमार की कैबिनेट में नए मंत्रियों के नाम

संभावित भाजपा मंत्री

सूत्रों के अनुसार, निम्नलिखित भाजपा नेता शपथ ले सकते हैं:

  1. राजू सिंह
  2. कृष्ण कुमार मंटू
  3. विजय मंडल
  4. जीवेश मिश्रा
  5. संजय सरावगी
  6. डॉ. सुनील कुमार

जदयू मंत्री

जहां भाजपा ने अपने उम्मीदवारों को अंतिम रूप दे दिया है, वहीं जदयू से एक या दो नए मंत्रियों के शामिल होने की संभावना है, जिसका अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लिया जाएगा।

भाजपा नेता दिलीप जायसवाल ने दिया इस्तीफा

नई नियुक्तियों के लिए जगह बनाने के उद्देश्य से राजस्व और भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा, “पार्टी की ‘एक व्यक्ति, एक पद’ नीति का पालन करते हुए, मैंने इस्तीफा दिया है। नेतृत्व द्वारा दिए गए अवसर के लिए मैं आभारी हूं।”

कैबिनेट विस्तार का प्रभाव

राजनीतिक प्रभाव

  • भाजपा-जदयू गठबंधन को मजबूती मिलेगी
  • विभिन्न समुदायों का अधिक प्रतिनिधित्व
  • शासन और विकास परियोजनाओं पर अधिक ध्यान

मंत्रियों की संख्या पर संवैधानिक सीमा

बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं, और संवैधानिक नियमों के अनुसार, अधिकतम 36 मंत्री हो सकते हैं। वर्तमान में 30 मंत्री कार्यरत हैं, जिससे 6 नए मंत्रियों को जोड़ने की संभावना बनती है।

निष्कर्ष

बिहार कैबिनेट विस्तार एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम है, जो राज्य शासन को आकार देगा और 2025 विधानसभा चुनावों को प्रभावित करेगा। अब सभी की नजरें नए मंत्रियों और उनके विभागों पर टिकी हैं, जो शपथ ग्रहण समारोह के बाद घोषित किए जाएंगे।

 


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