तेजस्वी यादव का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज – ‘2005 से पहले न सूरज था, न चांद!’

तेजस्वी यादव का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज – ‘2005 से पहले न सूरज था, न चांद!’

बिहार की राजनीति में नई हलचल

बिहार की राजनीति में इन दिनों जुबानी जंग तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया है। तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा कि “2005 से पहले न तो चांद था, न सूरज था, पूरी दुनिया 2005 के बाद बनी है!” इस बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है।


नीतीश कुमार पर तेजस्वी यादव का कटाक्ष

2005 से पहले बिहार का अस्तित्व नहीं था?

तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिछले बयानों पर पलटवार करते हुए कटाक्ष किया कि “2005 से पहले बिहार में कुछ भी नहीं था, सारी दुनिया 2005 के बाद बनी है!” यह टिप्पणी सीएम नीतीश द्वारा अपने शासनकाल को बिहार के विकास का स्वर्णिम युग बताने पर की गई।

राजद बनाम जदयू – राजनीतिक तकरार

बिहार की राजनीति में राजद और जदयू के बीच तकरार कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार तेजस्वी ने व्यंग्यात्मक अंदाज में नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोला है। तेजस्वी ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार सत्ता में बने रहने के लिए बार-बार पाला बदलते रहे हैं और जनता अब बदलाव चाहती है।


क्या है विवाद की जड़?

नीतीश कुमार के विकास के दावे

नीतीश कुमार अपने शासनकाल को बिहार के विकास का स्वर्ण युग बताते हैं। उनके अनुसार, बिहार में सड़कों, बिजली, शिक्षा और कानून-व्यवस्था में बड़ा सुधार 2005 के बाद हुआ है। इसी बात को लेकर तेजस्वी यादव ने तंज कसा कि “क्या 2005 से पहले बिहार का कोई अस्तित्व ही नहीं था?”

तेजस्वी यादव का जवाब

तेजस्वी यादव ने कहा कि “2005 से पहले भी बिहार था और यहां के लोग थे। विकास सिर्फ एक व्यक्ति का काम नहीं होता, यह सामूहिक प्रयास से होता है।” उन्होंने नीतीश कुमार को सत्ता के लालच में बार-बार गठबंधन बदलने वाला नेता भी बताया।


बिहार की जनता का क्या कहना है?

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कुछ लोग उनके बयान को सही ठहरा रहे हैं, तो कुछ इसे सिर्फ राजनीति करार दे रहे हैं।

आगामी चुनावों पर असर

तेजस्वी यादव और राजद के इस आक्रामक रुख से यह साफ है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में जदयू और भाजपा गठबंधन को कड़ी चुनौती मिलने वाली है। बिहार की जनता अब देखना चाहती है कि कौन सा दल उनके विकास के लिए ठोस कदम उठाएगा।


निष्कर्ष – क्या यह सिर्फ राजनीति है या असल मुद्दे?

तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के बीच जुबानी जंग जारी है। सवाल यह है कि क्या यह बयान सिर्फ राजनीति तक सीमित रहेगा, या फिर बिहार के वास्तविक मुद्दों – रोज़गार, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं पर भी ध्यान दिया जाएगा? बिहार की जनता इस चुनावी जंग में किसे समर्थन देगी, यह आने वाला समय बताएगा।


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