
मुख्य विशेषताएँ
- बिहार कोर्ट ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को समन भेजा।
- कानूनी मामलों में नाटकीय मोड़, राजनीतिक हलचल और आगामी चुनावों पर प्रभाव।
- केस से जुड़े आरोप: वित्तीय अनियमितताएँ, सत्ता का दुरुपयोग, और भ्रष्टाचार।
समन क्यों भेजा गया?
बिहार कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबरी देवी और उनके पुत्र तेजस्वी यादव को एक मामले के संबंध में समन भेजा है। इस मामले में आरोप है कि लालू प्रसाद यादव ने अपने कार्यकाल में आर्थिक अनियमितताएँ कीं और सत्ता का दुरुपयोग किया।
लालू प्रसाद यादव पर लगे आरोप
कोर्ट में दर्ज मामले में प्रमुख आरोप निम्नलिखित हैं:
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का उल्लंघन
- भारतीय दंड संहिता (IPC) के धाराएं 420, 467, 471 के तहत आरोप
- भूमि-से-नौकरी घोटाले में कथित शामिलगी
कानूनी कार्यवाही और कोर्ट सुनवाई की तारीख
नवीनतम कोर्ट अधिसूचना के अनुसार, लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों को पटना उच्च न्यायालय में 15 मार्च 2025 को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। इस सुनवाई में कोर्ट आगे की कानूनी कार्रवाई का फैसला करेगा।
बिहार और आरजेडी पर राजनीतिक प्रभाव
यह समन उस समय आया है जब बिहार में 2025 के राज्य चुनाव की तैयारियाँ जोरों पर हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला आरजेडी की चुनावी रणनीति और जनमत पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
अंतिम विचार
जैसे-जैसे कानूनी लड़ाई आगे बढ़ेगी, यह मामला बिहार की राजनीति में गर्म चर्चा का विषय बना रहेगा। क्या लालू प्रसाद यादव अपना नाम साफ कर पाएंगे या यह केस आरजेडी के भविष्य पर असर डालेगा? आगे की जानकारी के लिए बने रहें!
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