बजट सत्र के चौथे दिन भी विपक्ष का हंगामा: मानदेय से लेकर BPSC तक उठे अहम मुद्दे

बिहार विधानसभा का बजट सत्र 2025 लगातार हंगामे की भेंट चढ़ता जा रहा है। चौथे दिन भी विपक्षी दलों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। खासकर जनप्रतिनिधियों के मानदेय, बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षाओं और राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर सदन में जमकर नारेबाजी हुई।

मानदेय वृद्धि को लेकर विधायकों का हंगामा

विपक्षी दलों के विधायकों ने जनप्रतिनिधियों के मानदेय (वेतन और भत्ते) में वृद्धि की मांग को लेकर सदन में हंगामा किया। उनका कहना था कि महंगाई बढ़ रही है, लेकिन विधायकों के मानदेय में वर्षों से कोई संतोषजनक वृद्धि नहीं हुई है। इसके अलावा, ग्राम प्रधानों, वार्ड सदस्यों और पंचायत प्रतिनिधियों के भत्ते में भी बढ़ोतरी की मांग की गई।

BPSC परीक्षाओं में अनियमितताओं पर हंगामा

सदन में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अनियमितताओं का मुद्दा भी गरमाया। विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि BPSC की हालिया परीक्षाओं में पेपर लीक और अनियमितताएं देखने को मिली हैं, जिससे हजारों परीक्षार्थियों का भविष्य अंधकार में है। विपक्ष ने परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और सख्त निगरानी की मांग की।

शिक्षकों की भर्ती और नियमावली पर चर्चा

सदन में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर भी विपक्ष ने सरकार को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि नियोजित शिक्षकों की वेतन विसंगतियां और भर्ती नियमावली को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। विपक्षी दलों ने मांग की कि शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन मिलना चाहिए।

कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार पर सवाल

राज्य में लगातार बढ़ते अपराध और बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर भी विपक्ष ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया। हाल ही में हुई हत्या, लूट और अन्य आपराधिक घटनाओं का हवाला देते हुए विपक्षी विधायकों ने सरकार से जवाब मांगा।

सरकार का बचाव और जवाब

विधानसभा में हुए हंगामे के बीच सरकार की ओर से भी जवाब दिया गया। सत्तापक्ष ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए कई कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं, BPSC परीक्षाओं में अनियमितताओं की जांच के लिए विशेष समिति गठित करने की बात कही गई।

निष्कर्ष

बिहार विधानसभा का बजट सत्र 2025 हंगामेदार रहा, जहां विपक्ष ने मानदेय वृद्धि, BPSC परीक्षा, शिक्षकों की भर्ती और कानून-व्यवस्था जैसे अहम मुद्दों को उठाया। वहीं, सरकार ने अपने फैसलों का बचाव किया और सुधार के संकेत दिए। अब देखना होगा कि विपक्ष की मांगों पर सरकार कितना अमल करती है और आम जनता को इसका कितना लाभ मिलता है।


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