Headline:- निवेशको के ₹19 लाख करोड़ स्वाहा |
Share Market में आज की भारी गिरावट: मुख्य बातें
आज, 7 अप्रैल, 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने एक बड़ा झटका देखा। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 3900 अंक टूटकर 71,425.01 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 1160 अंक गिरकर 21,743.65 पर बंद हुआ। यह पिछले 10 महीनों का सबसे निचला स्तर है। इस गिरावट से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है और बाजार में घबराहट का माहौल बन गया है।
Share Market में गिरावट के प्रमुख कारण
1. वैश्विक व्यापार युद्ध
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा “रेसिप्रोकल टैरिफ” लागू करने के बाद चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 34% शुल्क लगाया। इस व्यापार युद्ध ने वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल मचा दी है, जिससे भारतीय बाजार भी प्रभावित हुआ। एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 8% और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 4.4% गिर गया।
2. अमेरिकी मंदी की आशंका
टैरिफ के प्रभाव से अमेरिका में मंदी की संभावना बढ़ गई है। गोल्डमैन सैक्स ने अमेरिकी मंदी की संभावना को 45% तक बढ़ा दिया है। इस डर से निवेशकों ने सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख किया, जिससे भारतीय शेयरों पर दबाव पड़ा।
3. सभी सेक्टरों में गिरावट
भारतीय बाजार में सभी सेक्टर लाल निशान पर बंद हुए। निफ्टी मेटल इंडेक्स 8%, आईटी इंडेक्स 7%, और फार्मा इंडेक्स लगभग 6% तक गिर गए। छोटे और मझोले शेयरों (small-cap और mid-cap) ने क्रमशः 10% और 7.3% की गिरावट दर्ज की।
4. निवेशकों की घबराहट
इंडिया VIX (वोलैटिलिटी इंडेक्स) 55% उछलकर 21 के स्तर पर पहुंच गया, जो निवेशकों के बीच बढ़ते डर को दर्शाता है। इस घबराहट ने बिकवाली को बढ़ावा दिया, जिससे बाजार पर और दबाव पड़ा।
5. वैश्विक वस्तुओं की कीमतों में गिरावट
ब्रेंट क्रूड तेल की कीमतें 6.5%, सोना 2.4%, और चांदी 7.3% तक गिर गईं। औद्योगिक धातुओं की मांग घटने से भी बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
गिरावट का प्रभाव
1. निवेशकों की संपत्ति का नुकसान
सेंसेक्स और निफ्टी की इस भारी गिरावट से ₹19 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। यह निवेशकों के लिए एक बड़ा झटका है।
2. मंदी का डर
इस गिरावट ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर मंदी की आशंका बढ़ा दी है। यदि यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह रोजगार और उत्पादन पर भी असर डाल सकती है।
3. अस्थिरता में वृद्धि
COVID-19 महामारी के बाद यह सबसे अधिक अस्थिरता वाला समय माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक वैश्विक बाजार स्थिर नहीं होते, भारतीय बाजार भी दबाव में रहेगा।
निवेशकों के लिए सुझाव
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धैर्य बनाए रखें: ऐसी स्थिति में घबराहट से बचें और अपने पोर्टफोलियो का पुनर्मूल्यांकन करें।
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सुरक्षित विकल्प चुनें: सरकारी बॉन्ड जैसे सुरक्षित निवेश विकल्पों पर विचार करें।
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लंबी अवधि के लिए सोचें: वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाएं।
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विशेषज्ञ सलाह लें: अपनी रणनीति तय करने से पहले वित्तीय विशेषज्ञों से सलाह लें।
FAQs: शेयर बाजार क्रैश के बारे में
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Share Market क्रैश क्या होता है?
यह अचानक और तीव्र गिरावट होती है जब स्टॉक कीमतें बड़े पैमाने पर कम हो जाती हैं। -
आज Share Market क्यों गिरा?
वैश्विक व्यापार युद्ध, अमेरिकी मंदी की आशंका, और सभी सेक्टरों में बिकवाली मुख्य कारण हैं। -
क्या यह मंदी का संकेत है?
हां, विशेषज्ञ इसे संभावित मंदी का संकेत मान रहे हैं। -
क्या निवेशकों को अब स्टॉक्स खरीदने चाहिए?
अभी सुरक्षित विकल्पों पर ध्यान देना बेहतर होगा। -
भारत में सबसे बड़ा मार्केट क्रैश कब हुआ था?
COVID-19 महामारी के दौरान मार्च 2020 में भारतीय शेयर बाजार ने बड़ी गिरावट देखी थी। -
क्या विदेशी निवेशक भी प्रभावित हुए हैं?
हां, वैश्विक स्तर पर सभी निवेशक प्रभावित हुए हैं। -
क्या सेंसेक्स जल्द ही रिकवर करेगा?
यह वैश्विक परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। -
क्या सरकार कोई कदम उठा रही है?
फिलहाल सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। -
क्या क्रूड ऑयल की कीमतें भी असर डाल रही हैं?
हां, क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट ने भी दबाव बढ़ाया है। -
क्या छोटे निवेशकों को चिंता करनी चाहिए?
उन्हें धैर्य रखना चाहिए और विशेषज्ञ सलाह लेनी चाहिए।
यह लेख आपको आज शेयर बाजार में हुई भारी गिरावट के कारणों और इसके प्रभाव को समझने में मदद करेगा।
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